हर शहर में भाई दूज के त्योहार को लेकर उत्साह का माहौल है। यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को मनाया जाता है। भाई दूज के अवसर पर बहनें अपने भाईयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस बार भाई दूज 6 नवंबर को मनाया जा रहा है। यह पर्व दिवाली के दो दिन बाद मनाने की प्रथा है। इसे भाई दूज के साथ यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।
दो घंटे तिलक लगाने के लिए बेहद शुभ
इस बार शनिवार (6 नवंबर) को भाई दूज मनाया जा रहा है. धार्मिक विद्वानों के मुताबिक भाई दूज की तिथि 5 नवंबर की रात 11.14 बजे से शुरू हो रही है।यह 6 नवंबर को शाम 7.44 मिनट तक रहेगी। भाई दूज में तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1.10 बजे से लेकर 3.21 मिनट तक है। इस दो घंटे को तिलक लगाने के लिए शुभ माना गया है। सबसे बड़ी बात यह है राहुकाल में तिलक करने से बचना चाहिए.
आरती की थाली में इन सामानों को रखें
भाई दूज पर बहनें भाईयों की आरती उतारती हैं। इसके बाद तिलक लगाती हैं। आरती की थाली में सिंदूर, फूल, चावल के दाने, दूब, केला, पना का पत्ता, सुपारी, चांदी का सिक्का, नारियल, मिठाई ज़रूर रखी जानी चाहिए। इन चीज़ों के बिना भाईयों की आरती नहीं उतारें। इनके बिना आरती की थाली अधूरी मानी जाती है।